स्कूली किताबों में स्थानीय भाषाओं को मिलेगा मंच

स्कूली किताबों में स्थानीय भाषाओं को मिलेगा मंच

बताया जा रहा है कि अब छत्तीसगढ़ के स्कूलों में स्थानीय भाषाओं को दर्जा दिया जायेगा जिसके लिए प्रथम चरण में छत्तीसगढ़ी, सरगुजिहा, सादरी, हल्बी और गोंड़ी में पाठ्यक्रम तैयार किये जायेंगे I इसके लिए छत्तीसगढ़ राज्य के सर्वश्रेष्ठ कविकार, कहानीकार, लेखकों, गीतकारों, लोक संगीतकारों व लोक साहित्यकारों से परामर्श और मदद ली जाएगी I प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को ध्यान में रखकर इसको तैयार किया जा रहा है I इसके तहत 1ली से 5वीं तक छः स्थानीय बोलियों को शामिल किया जायेगा ताकि बच्चों को स्थानीय भाषा में पढ़ाने पर उन्हें आसानी से समझ और सीख सकें I

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