होली के संग शब-ए-बारात की रात्रि, मुसलमान भाइयों की तक़दीर इस रात होती हैं तय!

आज शब-ए-बारात है। मुस्लिम आज रात भर तिलावत, ज़ियारत करेंगे. शब-ए-बारात सिर्फ गुनाहों की माफ़ी और मरहूमों के लिए दुआओं की रात नहीं है, बल्कि कौन पैदा होगा, किसकी इस दुनिया से रुखसती होगी। किसे दुनिया में क्या हासिल होगा, कितनी रोजी मिलेगी, किसके गुनाह बख्श दिए जाएंगे यानी हर मुसलमान की तकदीर इस रात तय हो जाएगी। मुफ़्ती अस्फान सिद्दीकी बताते हैं कि सिर्फ गुनाह ही माफ़ नहीं होंगे, बल्कि अल्लाह द्वारा अपने हर बंदे के लिए साल भर में होने वाले काम बांट दिए जाएंगे। पूरे साल का हिसाब-किताब भी अल्लाह द्वारा इस रात को किया जाएगा। वह बताते हैं कि पूरी दुनिया के मुसलामानों के लिए यह रात ख़ास है, इतनी ख़ास कि अपने बंदे की हर दुआ अल्लाह सुनते हैं।
देश भर में एकतरफ होली त्यौहार की धूम हैं तो दूसरी तरफ़ मुस्लिम भाइयों की यह रात बेहद ही पाख हैं। रात भर मस्जिदों में चहल-पहल होती है। लोग तिलावत करते हैं. कजा (छूटी) नमाज़ें पढ़ते हैं। कुरान पढ़ते हैं, मस्ज़िद में मौलाना द्वारा की जाने वाली तक़रीर सुनते हैं। रात में इबादत के बाद रोजा रखा जाता है। उन्होंने बताया की शब-ए-बारात के दिन शाम होते ही अल्लाह की रहमत नाजिल होना शुरू हो जाती है। वह बताते हैं की अल्लाह ताआला इरशाद फ़रमाता है कि ‘कोई मगफिरत (गुनाहों की माफ़ी) का तलबगार है तो उसे बख्श दूं, कोई रिज्क (आशीर्वाद) का तलबगार है उसे रिज्क दूं। अगर कोई मुश्किलों में है तो उसे मुश्किलों से निजात दे दूं। अल्लाह इस रात बंदे के पिछले और अगले कर्मों का हिसाब करते हैं।