नाचा (North America Chhattisgarh Association) ने विधि विधान से अमेरिका में मनाई हरतालिका तीज
नाचा (NACHA) लगातार भारत के बाहर भारतीय संस्कृति को बढ़ावा दे रहा है। हरतालिका तीज व्रत संयुक्त राज्य अमेरिका में पूरे विधि विधान से मनाया गया। नाचा के संस्थापक श्री गणेश कर और श्रीमती दीपाली सरावगी ने अमेरिका में रहने वाले सभी छत्तीसगढ़ी परिवारों के लिए इस पूजा की मेजबानी की है। मान्यता है इस व्रत को करने से सुहागिन महिलाओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
अमेरिका में दिखा छत्तीसगढ़ी एकता।
यह पहला मौका था जब छत्तीसगढ़ के एनआरआई परिवारों ने एक साथ पूजा की है। दीपाली सरावगी ने कहा कि उनकी टीम ने छत्तीसगढ़ अनुष्ठान के साथ तीज पूजा को पूरा करने के लिए आवश्यक सभी सामग्री की व्यवस्था करने पर उत्कृष्ट कार्य किया है। हम अपने परिवारों और दोस्तों के लिए इस कार्यक्रम की मेजबानी करके बहुत खुश हैं जो एक ही छत्तीसगढ़ राज्य से हैं और हर साल एक ही त्योहार मनाते हैं।
ठेठरी खुरमी से हुई शुरुआत।
दीपाली सरावगी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के विशेष मेहमानो को आमंत्रित किया गया था लेकिन कोविड -19 यात्रा प्रतिबंध के कारण वे पूजा में शामिल नहीं हो सके। हमे बहुत खुशी है कि इस पर्व का आयोजन पहली बार किया गया। छत्तीसगढ़ी पारंपरिक पवित्र प्रसाद जैसे “ठेठरी” “खुरमी” तैयार किया गया, इसके बाद मिट्टी और रेत से भगवान शिव बनाकर पूजा करते हुए आराधना किया गया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिवर्ष होगा आयोजन।
हम अपने छत्तीसगढ़ी परिवारों के लिए दुनिया भर में इस तरह के और कार्यक्रम आयोजित करेंगे। यह जानकर बहुत अच्छा लगा कि हमारे छत्तीसगढ़ एनआरआई को हमारी सांस्कृतिक और परंपरा के बारे में जानकारी है। टीम के सदस्य शशि साहू, तिजेंद्र साहू,वंदना देडसेना, नमिता कैस्थ, सोनू जोशी, निर्मल साहू, लक्ष्मीन साहू और मुनीश कैस्थ हैं। मीनल मिश्रा, अभिजीत जोशी, सरिता साहू, किरण पटेल ,शत्रुघ्न बरेठ, रुक्मणी बरेठ, रोशनी साहू, अरेश साहू, संदीपन साहू को इस आयोजन और इस पूजा को एक बड़ी सफलता बनाने में उनके योगदान के लिए विशेष धन्यवाद।
कार्यकारिणी अध्यक्ष गणेश कर ने कहा कि छत्तीसगढ़ी सँस्कृति की पहचान अब अमेरिका में विशेष रूप से हो रही है। यहां के स्थानीय अमेरिकी लोग भी ठेठरी खुरमी का स्वाद मजे से लेते है। इस शीतल सुरम्य वातावरण में हमारे पर्वों-उत्सवों का मजा चौगुना हो जाता है। यह पर्व यकीनन दूरियों को मिटाता है।
करू भात का आयोजन।
छत्तीसगढ़ के एनआरआई एक दिन पहले नाचा संस्थापक श्री गणेश कर के घर करू भात के लिए एकत्र हुए थे। यह बहुत अच्छा अहसास था कि हम भारत से बाहर रहते हुए भी अपनी परंपरा का निर्वहन कर रहे है। शशि साहू ने कहा कि मैंने गणेश कर और दीपाली सरावगी को हमारे समुदाय के लिए इस पूजा की मेजबानी करने के लिए कहा और मैं उनका बहुत आभारी हूं कि वे हमेशा हमारे लोगों के लिए अपना दरवाजा NACHA के माध्यम से खोल रहे हैं। यह वास्तव में हम सभी के लिए एक विशेष दिन था और हमने अपने सभी परिवारों के साथ मिलकर इसे मनाया। इस पूजा में शामिल होने के लिए नाचा की संयुक्त सचिव मीनल मिश्रा ने कहा कि दशकों बाद तीज पूजा में शामिल होना बहुत खुशी की बात है और यह परंपरा हमें हमारी मातृभूमि छत्तीसगढ़ से जोड़ेगी। मैं अपने सभी छत्तीसगढ़ परिवारों के लिए इस पूजा की मेजबानी करने के लिए नाचा के संस्थापकों को तहे दिल से धन्यवाद देता हूं।