गलत पोस्चर से पीठ की समस्या? योगासन से पाएं समाधान

लैपटॉप या कंप्यूटर पर काम करते समय अगर आप सही पोज़िशन में न बैठें, तो कमर के निचले हिस्से में दर्द और पीठ पर कूबड़ जैसी समस्याएं हो सकती हैं। घंटों तक डेस्क पर झुककर काम करने से बैक पोस्चर पर बुरा असर पड़ता है और लंबे समय तक गलत पोजिशन में बैठने से कूबड़ निकल आता है, जिसे मेडिकल भाषा में “किफोसिस” कहा जाता है।

किफोसिस तब होता है जब आपकी रीढ़ की हड्डी के ऊपरी हिस्से में असामान्य रूप से कर्व आ जाता है, जिससे पीठ का ऊपरी भाग आगे की ओर झुक जाता है। यह समस्या उन लोगों में ज्यादा देखने को मिलती है जो लम्बे समय तक एक ही पोजिशन में बैठते हैं या काम करते हैं। अगर इसका समय पर इलाज नहीं किया गया, तो यह गंभीर स्थिति का रूप ले सकती है और शरीर में स्थाई परिवर्तन भी हो सकते हैं।

इस समस्या से कैसे बचें?

गलत पोजिशन से होने वाले दर्द और कूबड़ से छुटकारा पाने के लिए कुछ ऐसे योगासन हैं, जिन्हें रोजाना करने से आप अपने शरीर का पॉस्चर ठीक कर सकते हैं। ये योगासन न केवल आपके शरीर की लचीलापन बढ़ाने में मदद करेंगे, बल्कि आपकी रीढ़ की हड्डी को सही स्थिति में लाने में भी सहायक होंगे।

1. बालासन (Child’s Pose)

बालासन आराम करने वाला योगासन है, जो पीठ और रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है। इसे करने से न केवल आपकी पीठ की मांसपेशियों में खिंचाव होता है, बल्कि शरीर में तनाव भी कम होता है। इस आसन से शरीर को विश्राम मिलता है और रक्त परिसंचरण बेहतर होता है, जिससे निचले हिस्से के दर्द से राहत मिलती है।

2. शलभासन (Locust Pose)

शलभासन आपकी पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है और रीढ़ को सीधा करने में मदद करता है। यह आसन शरीर के कूबड़ को कम करने में सहायक होता है और रीढ़ को स्थिर करता है। साथ ही, इससे कंधे और छाती भी मजबूत होती हैं, जो खराब पोस्चर को सुधारने में मदद करती हैं।

3. भुजंगासन (Cobra Pose)

भुजंगासन आपकी रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को बढ़ाता है और पीठ के ऊपरी हिस्से को सीधा करता है। इस आसन से शरीर का अगला हिस्सा खुलता है और छाती, पेट और कंधों की मांसपेशियों को मजबूत किया जाता है। इसे नियमित रूप से करने से पीठ की समस्या में राहत मिलती है और कूबड़ को कम किया जा सकता है।

4. कैट-काऊ पोज़ (Cat-Cow Pose)

यह योगासन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है और पीठ के ऊपरी हिस्से की मांसपेशियों में खिंचाव लाता है। इस आसन से शरीर में रक्त परिसंचरण बेहतर होता है, जिससे पीठ के दर्द से राहत मिलती है और रीढ़ की हड्डी को मजबूती मिलती है। कैट-काऊ पोज़ नियमित रूप से करने से पीठ के गलत पोस्चर को सुधारा जा सकता है।

गलत पोस्चर से बचने के लिए और पीठ की समस्याओं से निपटने के लिए नियमित रूप से इन योगासनों का अभ्यास करें। यह न केवल आपकी पीठ को मजबूत बनाएंगे, बल्कि आपके पूरे शरीर को लचीलापन और शक्ति प्रदान करेंगे। लंबे समय तक काम करते समय शरीर के सही पोज़िशन में रहने का ध्यान रखें, ताकि भविष्य में इन समस्याओं से बचा जा सके।

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