छत्तीसगढ़ में राशनकार्ड घोटाला: फर्जी आधार से बने हजारों कार्डों का खुलासा
छत्तीसगढ़ में राशनकार्ड सत्यापन और ई-केवाईसी के दौरान बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। जांच में यह पाया गया कि कई राशनकार्ड फर्जी आधार कार्ड के आधार पर बनाए गए हैं। एक मामले में महिला के आधार नंबर पर पुरुष का नाम जोड़कर राशनकार्ड जारी किया गया। इतना ही नहीं, कई राशनकार्डों में सदस्यों के नाम की जगह पर टीएफवाईएच, जीएफएएच, आरजेएस जैसे फर्जी नाम दर्ज पाए गए।
विभाग का शक है कि ऐसे ही बोगस राशनकार्डधारी सत्यापन और ई-केवाईसी प्रक्रिया से बच रहे हैं। जिले में अब तक पांच लाख लोगों ने सत्यापन नहीं कराया है, और इनमें से कई के नाम अन्य जिलों या प्रदेशों में पहले से ही राशनकार्ड में दर्ज हैं। विभाग ने खुद इस मामले की जांच शुरू की है और अब तक 8,000 आधार कार्डों की जांच की जा चुकी है। इनमें से 2,600 से ज्यादा आधार गलत पाए गए, जिससे यह संदेह पुख्ता हो रहा है कि ये कार्ड फर्जी हैं।
पिछले पांच साल से ये लोग बिना किसी रुकावट के राशन ले रहे थे। जब सत्यापन शुरू हुआ, तो ये कार्डधारी सामने नहीं आ रहे हैं, जिससे यह मामला और गंभीर हो गया है। विभाग ने चेतावनी दी है कि 31 अक्टूबर के बाद ऐसे बोगस राशनकार्डों को ब्लॉक कर दिया जाएगा।
प्रदेश में एपीएल राशनकार्ड के तहत 50,000 रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलता है, जिसका फायदा उठाने के लिए अन्य राज्यों के लोगों ने भी यहां के राशनकार्ड बनवाए हैं। साथ ही, मजदूर कार्ड के आधार पर बीपीएल कार्ड बनवाने वालों की भी जांच चल रही है। कुछ मामलों में, लोगों ने अपने दूसरे राज्यों में रहने वाले रिश्तेदारों के नाम अपने राशनकार्ड में जोड़ रखे हैं, जो अब जांच के दायरे में हैं।
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