भारत दिवस परेड में नाचा ने झांकी के माध्यम से छत्तीसगढ़ की संस्कृति को पहुंचाया सात समुंदर पार

झांकी में प्रतीक के रूप में बनाए गए घड़ी चौक और आई लव रायपुर थीम ने मानो छत्तीसगढ़ और शिकागो की दूरियों को मिटा दिया। नाचा की सदस्य महिलाओं ने पारम्परिक वेशभूषा और छत्तीसगढ़िया गहने गले मे कटली मोहर, कान में खुटी, हाथ और भुजा में नागमोरी बहुटा, पहुंची और कलाई में आईठी, चुरि, माथे पर बिंदी लगाकर छत्तीसगढ़ महतारी के प्रति अपनी अपार श्रद्धा और प्रेम को व्यक्त करते हुए अपनी संस्कृति को सहेजने का सन्देश पूरी दुनिया को दिया। उन्होंने छत्तीसगढ़ी लोकगीत मउंहा झरे रे मउंहा झरे रे..डोंगरी के तीर, लगे हे साल छींद, लाली परसा बन म फुल और लोक नृत्य करते हुए छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति की छटा से अमेरिका को परिचय कराया।