मुख्यमंत्री शहीद योगेन्द्र शर्मा के जयंती कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल हुए
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा है कि शहीद योगेन्द्र शर्मा का जन्म 12 अगस्त 1962 को धरसींवा विकासखंड की ग्राम-पंचायत टेकारी में हुआ था। बचपन से ही वे जिंदा-दिल और बुलंद हौसले के धनी थे। वे एक ऊर्जावान और संभवानाओं से भरपूर लोकप्रिय जनप्रतिनिधि थे। उन्होंने दुर्गा कॉलेज से छात्र-राजनीति की शुरुआत की। वे 1985-86 में विश्वविद्यालय प्रतिनिधि के रूप में निर्वाचित हुए। वे छात्र-जीवन से ही सतत् रूप से जनसेवा से जुड़े रहे। उन्होंने जनपद पंचायत और जिला पंचायत सदस्य के रूप में क्षेत्र की जनता की अमूल्य सेवा की।मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने धरसींवा क्षेत्र में मजदूरों और उद्योगपतियों के बीच एक सेतु की तरह काम करते हुए दोनों का सदैव सहयोग किया। उन्होंने छात्रों को महाविद्यालय में प्रवेश दिलाने से लेकर पढ़ाई के दौरान आने वाली हर छोटी-बड़ी समस्याओं के निराकरण में हमेशा मददगार की भूमिका निभाई। उनके इसी समर्पण और सेवा से उनकी राजनीति की दिशा तय हुई। आगे चलकर वर्ष 1995 से 2000 तक वे निर्विरोध जनपद सदस्य के रूप सक्रिय रहे। सन् 2000 से 2005 तक उन्होंने जिला पंचायत सदस्य के रूप में सेवा की। उन्होंने इस चुनाव में रिकार्ड मतों से जीत हासिल की थी।