कानन पेंडारी के 14 चीतलों की शिफ्टिंग क्यों रोकी गई ?

जानिये क्या है कारन..

हीना कौशिक, बिलासपुर I कानन पेंडरी में चितलों की संख्या  कम करने की अनुमति मिली है। बजट मिलने के बाद में 50 चितलों की शिफ्टिंग की जा रही है। पहले चरण में 20 चितलों को अचानकमार टाइगर रिजारव के छपरवा रेंज में छोरा गया। उसके बाद 16 चितलों को तैमार पिगला में शिफ्ट किया गया। अब शेष 14 चितलों को गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में शिफ्ट करना था, लेकिन अचानक मौसम के खराब हो जाने के करन शिफ्टिंग रोक दी गई है।

दरसाल बरिश की वजह से बोमा की मिट्टी कफी गिली हो चुकी है, और ऐसा कहा जा रहा है यदि वहां गाड़ी भी जाए ती उसके फस्ने की संभावना है। इस डर के कIरन अभी कानन पेंडरी के 14 चितलों की शिफ्टिंग रोक दी गई है।

दरसल बात ऐसी भी है की, किसी भी चिड़ियाघर में 50 से ज्यादा चीतलों को नहीं रखा जा स्कता ये नियम के विरुद्ध है, और सालों से शिफ्टिंग भी नहीं हुई थी, जिसके कारण इनकी संख्या में तेज़ी से वृद्धि हो रही है I अत: वन विभाग ने सुनीशित किया की चितलों को अतिशिघ्र आस पास के राष्ट्रीय उद्यान, टाइगर रिजारव या अन्या चिड़िया घर में शिफ्ट किया किया जाए। लेकिन मौसम ने सब काम रोक दिया है।

अब इंतज़ार है बोमा के मिट्टी की सुखने सूखने का उसके बाद ही शिफ्टिंग का काम चालु हो पायेगा।
आपको बता दें की 50 चीतलों की शिफ्टिंग के बावज़ूद भी कानन पेंडारी में निश्चित संख्या से अधिक चीतल मौजुद हैं। शेष चितलों की
शिफ्टिंग के बाद आदेश आ स्केते हैं अन्य चितलों की शिफ्टिंग के।

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