
बाघों की सुरक्षा के लिए छत्तीसगढ़ समेत चार राज्यों का बड़ा कदम
छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों ने बाघों को अवैध शिकार से बचाने के लिए कड़ी तैयारियां शुरू कर दी हैं। अब बाघों की सुरक्षा के लिए रोजाना कैमरों से निगरानी की जाएगी और टाइगर रिजर्व क्षेत्रों में नियमित गश्त होगी। छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र ने मिलकर अवैध शिकार से निपटने के लिए एक समन्वय समूह का गठन किया है। इस समूह की कार्यशालाएं बीजापुर में इस साल मई और जून में वन विभाग के अधिकारियों के बीच आयोजित की गईं, जिसमें बेहतर समन्वय के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है।
प्रदेश में तीन प्रमुख टाइगर रिजर्व—अचानकमार, उदंती सीतानदी और इंद्रावती हैं। इंद्रावती टाइगर रिजर्व में वर्तमान में पांच से छह बाघ हैं। अवैध शिकार को रोकने के लिए बनाई गई टीम द्वारा क्षेत्र में गश्त और रिपोर्टिंग में तेजी लाने के साथ ही अधिकारियों के बीच बेहतर नेटवर्किंग पर जोर दिया जा रहा है। इसके साथ ही, विभिन्न राज्यों में होने वाले वन्यजीव अपराधों की जानकारी साझा करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
सीसीएफ आरसी दुग्गा के अनुसार, राज्यों के बीच बने इस समन्वय से बाघों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण सुधार की उम्मीद है। अब तक, दो कार्यशालाएं आयोजित की जा चुकी हैं। इसके अंतर्गत बाघों के आवागमन वाले क्षेत्रों में कैमरे लगाए जाएंगे और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत जांच होगी। इन प्रयासों से बाघों की सुरक्षा और अवैध शिकार पर कड़ा नियंत्रण स्थापित किया जा सकेगा।
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