मवेशियों के चलते सड़क दुर्घटनाओं में हो रही है वृद्धि

मवेशियों के चलते सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि, पुलिस विभाग के आंकड़ों से खुलासा
जुलाई 2023 में बिलासपुर हाई कोर्ट ने सड़क पर मवेशियों के विचरण को लेकर गहरी चिंता जताई थी और प्रशासन को सड़कों से मवेशियों को हटाने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए थे। इस मामले में कुछ कदम उठाए भी गए, लेकिन इसके बावजूद सड़क दुर्घटनाओं में मौतों की दर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
पुलिस विभाग के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, 2023 में सड़क दुर्घटनाओं से मौतों की दर 5.6 प्रतिशत थी, जो इस साल की पहली छमाही में बढ़कर 8.72 प्रतिशत हो गई है। सड़क पर मवेशियों के चलते होने वाली दुर्घटनाओं के कारण हर वर्ष अनेक जानें जा रही हैं। पिछले पांच वर्षों में राज्य में 404 यात्रियों की मौत हो गई और 129 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पिछले जुलाई महीने में ही नौ लोग दुर्घटना के शिकार हुए हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, कोर्ट के निर्देश के बाद राज्य सरकार और नेशनल हाइवे अथारिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के सहयोग से जुलाई-अगस्त 2023 के दौरान सड़क से 26,713 मवेशियों को हटाया गया था। इसके बावजूद, मवेशियों के चलते होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या में कोई खास कमी नहीं आई है, जिससे आम जनता में रोष बढ़ रहा है।
शहर की प्रमुख सड़कों पर मवेशियों की मौजूदगी अभी भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। मुख्य मार्गों के साथ-साथ गली-मुहल्लों में भी मवेशियों का कब्जा देखा जा सकता है, जिससे वाहनों की आवाजाही के साथ-साथ पैदल यात्रियों को भी खतरा है। कई बार मवेशियों के आपस में भिड़ने से आसपास के लोगों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
पुलिस के आंकड़ों से खुलासा
पुलिस विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में सड़क दुर्घटनाओं में 5,834 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 2023 में यह संख्या बढ़कर 6,166 हो गई थी। इस साल जुलाई तक सड़क दुर्घटनाओं में 3,629 लोगों की जान जा चुकी है, जो एक गंभीर समस्या की ओर इशारा करती है। प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों के बावजूद स्थिति में सुधार ना होने से, इस मुद्दे पर दोबारा विचार करने की आवश्यकता है।
मवेशियों की सड़कों से प्रभावी रूप से हटाने के लिए और भी कड़े कदम उठाने की ज़रूरत है ताकि सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके और लोगों की जान बचाई जा सके।
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