छत्तीसगढ़ से शुभम कोसले, फ्लोरिडा, यू.एस. से मोनिका अगवानी और डेट्रॉइट, मिस्चिगन से शत्रुघन बरेठ में हुई अंतरराष्ट्रीय स्तर कार्यक्रम की चर्चा

आगामी 1 नवंबर, 2020 को होने वाले अंतरराष्ट्रीय छत्तीसगढ़ राज्यस्थापन दिवस के सिलसिले में हुई अहम मुद्दों पर बातचीत का खुलासा बिलासपुर, छत्तीसगढ़ से शुभम कोसले ने गोल्डन छत्तीसगढ़ से साझा किया। छत्तीसगढ़ी-हिंदी फिल्मों के लेखक निर्देशक शुभम ने बताया, ‘श्रीमती मोनिका अगवानी, जॉइंट सेक्रेटरी नाचा व श्री शत्रुघन बरेठ, वाईस प्रेसिडेंट एंड चेयरमैन नाचा इंटरनेशनल से बात करने का सौभाग्य मिलना बेहद ही सुखद हैं।’

झलक!

कोविड-19 को मद्देनजर रखते हुए छत्तीसगढ़ राज्यस्थापना दिवस को वरचुअली मनाने के फैसले पर बात करते हुए श्रीमती मोनिका अगवानी, जॉइंट सेक्रेटरी नाचा ने राज़ खोलते हुए शुभम कोसले को बताया, ‘यह एक ऐसा जुनून हैं हमारे संस्कृति के प्रति जिसे रोकना किसी भी वजह से नामुनकिन रहा हमारे लिए। हम सरकार के नियमो का सम्मान करते हैं और कोविड को ध्यान में रखते हुए यह वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन फेसबुक व यूट्यूब के माध्यम से किया जाने का फैसला फ़ौरन लिया गया।

Screenshot चर्चा के दौरान

इस आयोजन में छत्तीसगढ़ की सभी प्रमुख हस्तियां राज्यपाल सुश्री अनुसूया उइके, सांस्कृतिक मंत्री- श्री अमरजीत भगत, सैन फ्रांसिस्को के कौंसल – डॉ टी वी नागेंद्र प्रसाद, नेपरविले (शिकागो) – मेयर- श्री स्टीव कीरिको, अंतर्राष्ट्रीय कवि, पद्मश्री- श्री सुरेन्द्र दुबे, छत्तीसगढ़ी अभिनेता / गायक, पद्मश्री- श्री अनुज शर्मा, भारत सरकार जी.एस.टी.न आयुक्त- श्री अजय पांडे, भारत सरकार जी.एस.टी.न संयुक्त आयुक्त – श्री राजेश सिंह, लोकप्रिय अभिनेता / गायक सुनिक मानिकपुरी, लोकप्रिय छत्तीसगढ़ी गायिका अरु साहू और अंतर्राष्ट्रीय गायन संवेदना वंदना विस्वास। यह कार्यक्रम प्रमुख छत्तीसगढ़ी लोगों की नृत्य शैली जैसे सुआ नृत्य, कर्मा नृत्य, शैला, भयिर को उजागर करेगा। पद्मश्री सुरेंद्र दुबे जी, पद्मश्री अनुज शर्मा उनके ग्रुप – आरूग, सुनील मानिकपुरी, और कई अन्य से सांस्कृतिक प्रदर्शन होंगे जो आपको बार-बार देखने के लिए मजबूर करेंगे। कार्यक्रम में संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर में NACHA के विभिन्न अध्यायों के विभिन्न प्रदर्शन भी शामिल होंगे।

Flyer

डेट्रॉइट, मिस्चिगन से शत्रुघन बरेठ जी ने अपना बात रखते हुए शुभम को अपने संस्कृति से जुड़े रहने की पहचान छत्तीसगढ़ी में बताया जो बातचीत का एक खास आकर्षण का केंद्र था।

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