दर्रीघाट डकैती कांड का हुआ खुलासा !

दर्रीघाट डकैती कांड का हुआ खुलासा…

बिलासपुरI दर्रीघाट डकैती कांड का हुआ खुलासा, दरिघाट में हुई डकैती का एक बड़ा खुलासा सामने आ रहा है। आपको बता दें कि सशस्त्र डकैती गिरोह जिसका आज बिलासपुर पुलिस ने खुलासा किया है I इस सशस्त्र डकैती को गिरोह ने दिन दहाड़े उजाले में किया ,और इस डकैत मामले मे 10 आरोपियों में 4 को बिलासपुर पुलिस पकड गिरफ्तार किया है I अभी भी 6 लोगों की जांच जारी है I इस गिरफ्तारी के साथ डकैत आरोपियों के पास से 5 मोबाइल पाया गया, 1 कट्टा पाया गया,1 पिस्टल और नकद 5 हजार रुपए गिरोह के पास से बरामद हुए हैं I

बिलासपुर पुलिस का कहना है कि ये डकैत, डकैतों ने बदला लेने की सोच से किया था I इस मामले मे पुलिस अधीक्षक पारुल माथुर ने बताया कि ये सशस्त्र डकैती आरोपियों ने कांग्रेस नेता टाकेश्वर पाटले जमीन खरीदी-बिक्री के कारोबार से जुड़ा हुआ है I इस मामले मे बताया गया कि 2017 में हुवे पाटले की शिकायत पर मस्तूरी के लावर निवासी अजय ध्रुव ने अपने माता-पिता के साथ गिरफ्तार हो जेल चला गया था I और इस कारण से आरोपी टाकेश्वर से बदला लेने की नियत से अजय जेल में सरकंडा हत्या के बंद रमजान उर्फ बल्ला के साथ मिल कर एक योजना बनायी, की जब वे दोनों जेल से बाहर निकलेंगे तो उसके बाद योजना को पूरा करेंगे I आवर इस योजना को पूरा करने के लिए आरोपी रमजान ने अपने घर के बगल की पुस्तक दुकान में काम करने वाले अयूब हनीफ के साथ ओडिशा में रहने वाले अपने साथी अनिल शाह, और माइकल उर्फ राहुल सिंह, तुलसी भारत और टोनी उर्फ आनंद टोप्पो को भी इस योजना को सफल करने को ले कर शामिल किया।

एस.एस.पी. पारुल ने बताया कि एक योजना के तहत सभी रायगढ़ पहुंचे और एक राय होकर 13 को टाकेश्वर के घर पर डकैती डालने की फाइनल प्लानिंग की. इसके बाद सभी 12 तारीख को रायगढ़ से बिलासपुर के लिए रवाना हुए और चिल्हाटी  स्थित रमजान के घर पर रुक कर वहाँ खाना-पीना किए एवं रात्रि विश्राम के बाद दूसरे दिन 13 तारीख  को 7 लोग अलग-अलग बाइक में दर्रीघाट के लिए रवाना हुएI

यहाँ की पूरी जानकारी रेकी कर अजय लगातार दे रहा था. सातों ने टाकेश्वर के घर पहुंचकर उनकी अनुपस्थिति में उनके परिवार वालों के साथ मारपीट करते हुए नकदी ढाई लाख के साथ सोने-चाँदी के आभूषण लेकर दर्रीघाट से कोटमी सुनार होते हुए फरार हो गए I

पारुल माथुर से मिली जानकारी  के अनुसार, घटना की जानकारी मिलते ही बिलासपुर पुलिस हरकत में आयी. इसके लिए पारुल माथुर ने 10 टीम बनायी और जिम्मेदारी देकर उन्हें रवाना किया. सारी टीम पल-पल का अपडेट पारुल को देती रही. टीम ने बिलासपुर, जांजगीर, रायगढ़ और के ओडिशा 1000 सीसीटीवी फुटेज का बारीकी से अवलोकन किया I  एस.एस.पी. पारुल ने बताया कि  जाँच के दौरान पुलिस को रमजान और आयूब को घटना दिनाँक के एक दिन पहले कुछ लोगों के साथ देखे जाने की जानकारी मिली, पर जब तक पुलिस उन तक पहुंचती उसके पहले ही वो दोनों फरार हो गए I इसके लिए पुलिस मीडिया में छपे समाचार को जिम्मेदार मान रही है और साथ ही खबरों को भी भ्रामक बता रही है I आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस को ओडिशा निवासी छोटू सिंह और आनँद का लोकेशन मिला. उसके बाद दोनों पुलिस की जाल में फंस गए I इसके बाद अजय और दुर्गेश भी बिलासपुर में पुलिस के हत्थे चढ़ गए I फरार 6 की जंच जारी है I

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